प्रभु हनुमान जी का जाखू मंदिर: एक दिव्य स्थान
जाखू मंदिर में भगवान हनुमान जी की 108 फीट ऊँची भव्य मूर्ति स्थित है, जो वाकई में दर्शनीय है। यह मूर्ति न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को एक शक्तिशाली आशीर्वाद का अहसास भी कराती है। भक्तजन अपनी परेशानियों और कठिनाइयों से छुटकारा पाने के लिए यहाँ पर आते हैं और हनुमान जी से आशीर्वाद मांगते हैं। नियमित रूप से मंदिर में पूजा-अर्चना होती है, और विशेष अवसरों पर बड़े उत्सवों का आयोजन किया जाता है।
10/9/20241 min read
जाखू मंदिर
जाखू मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान हनुमान जी को समर्पित है। इस प्राचीन मंदिर का निर्माण महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और इसकी स्थापना की कई पौराणिक कहानियाँ प्रचलित हैं। जाखू मंदिर, समुद्र तल से लगभग 8,000 फीट की ऊँचाई पर, जाखू पहाड़ी पर स्थित है। यह शिमला के सबसे ऊँचे स्थानों में से एक है, जहां से चारों ओर के पहाड़ों और प्राकृतिक दृश्य का अद्भुत नज़ारा देखा जा सकता है।
धार्मिक महत्व और श्रद्धालु
जाखू मंदिर में भगवान हनुमान जी की 108 फीट ऊँची भव्य मूर्ति स्थित है, जो वाकई में दर्शनीय है। यह मूर्ति न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को एक शक्तिशाली आशीर्वाद का अहसास भी कराती है। भक्तजन अपनी परेशानियों और कठिनाइयों से छुटकारा पाने के लिए यहाँ पर आते हैं और हनुमान जी से आशीर्वाद मांगते हैं। नियमित रूप से मंदिर में पूजा-अर्चना होती है, और विशेष अवसरों पर बड़े उत्सवों का आयोजन किया जाता है।
यात्रा
जाखू मंदिर जाने के लिए शिमला शहर से एक आकर्षक ट्रैक है जो पहाड़ी क्षेत्रों से होकर गुजरता है। यह ट्रैक न केवल एक आध्यात्मिक यात्रा है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक प्यास बुझाने वाला अनुभव होता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए निजी वाहन, टैक्सी, ऑटो रिक्शा और यहाँ तक कि स्थानीय बर्फपुरी तक पहुंचने के लिए पैदल ट्रैक का सहारा लिया जा सकता है। जाखू पहाड़ी पर चढ़ते हुए, पर्यटक यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
इस प्रकार, जाखू मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शिमला में स्थित यात्रा स्थलों में से एक अद्भुत स्थान भी है। यहाँ आकर आप न केवल भगवान हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि हिमाचल प्रदेश की सुंदरता का भी अनुभव कर सकते हैं।
प्रभु हनुमान जी का जाखू मंदिर
ऐसी मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मण, रावण के पुत्र मेघनाद द्वारा युद्ध में मूर्छित हो गए थे, तब भगवान हनुमान संजीवनी बूटी की खोज में द्रोणागिरी पर्वत जा रहे थे। इसी दौरान वे जाखू पहाड़ी पर कुछ समय के लिए रुके थे।
जय श्री राम !!
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ॐ हं हनुमते नम:
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्
ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा
ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा